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The question news Chhattisgarh
Balodabazar Violence Case: बलौदाबाजार हिंसा मामले में आरक्षित वर्ग के निर्दोष युवाओं पर हो रही कार्यवाही पर रोक लगाने और उन्हें जेल से रिहाई करने की मांग को लेकर बिलाईगढ़ में बड़ा प्रदर्शन हो सकता है। बताया जा रहा है कि, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद चंद्रशेखर आजाद 4 जुलाई को छत्तीसगढ़ आ रहे है।
इसके पहले चंद्रशेखर आजाद ने बलौदाबाजार हिंसा को लेकर एक वीडियों जारी किया था, जिसमें उन्होंने निर्दोष युवाओं पर हो रही द्वेषपूर्ण कार्यवाही की निंदा की थी और छत्तीसगढ़ आकर मामले की गंभीरता को समझने की बात कही थी।
चंद्रशेखर आजद के छत्तीसगढ़ पहुंचने से पहले बलौदाबाजार हिंसा मामले में कुछ ही दिन पहले भीम आर्मी के छत्तीसगढ़ अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े की भी गिरफ्तारी हुई है। इसे लेकर जहां आरक्षित वर्ग के लोगों में गुस्सा है। वहीं सांसद चंद्रशेखर आजाद के आने पर यह गुस्सा पुलिस और प्रशासन पर फुट सकता है। इसलिए पुलिस और प्रशासन की कोशिश रहेगी की चंद्रशेखर रावण के आने से स्थिति न बिगड़े.
इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने कहा है कि उनके आने की अधिकारिक जानकारी नहीं है, अगर उनके आने की ख़बर लगी तो तैयारियां की जाएगी.
ये है मामला
बताते चले कि 15 और 16 मई की दरमियान रात को गिरौदपुरी से डेढ़ किलोमीटर दूर महकोनी अमरगुफा के पहाड़ में स्थित जोड़ों जैतखाम और वहां सुरक्षा के दृष्टिकोन से लगे रेलिंग को किसी असामाजिक तत्व द्वारा उखाड़ कर फेंक दिया गया था। इस मामले में पुलिस की ओर से 36 घंटे बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था और इन अज्ञात लोगों को 24 घंटे में तीन लोगों गिरफ्तार भी कर लिया गया।
पुलिस की कार्यवाही से समाज को था संदेह
Balodabazar Violence Case: इस मामले में पुलिस ने समाज के लोगों को बताया कि एक स्थानीय ठेकेदार के बिहार से आये मजदूरों ने पैसे के लेन-देन को लेकर इस घटना को अंजाम दिया है। हालांकि ठेकेदार ने पुलिस के इस बयान का खंडन करते हुए अपने मजदूरों को फंसाए जाने की बात की और उन्हें कानून के दायरे में रहकर मजदूरों को छुड़वाने की बात कही है। वहीं समाज के लोगों को भी पुलिस के बयान और कार्यवाही पर विश्वास नहीं हुआ।
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आवेदन निवेदन से नहीं बनी बात तो हुआ महाआंदोलन
Balodabazar Violence Case: पुलिस की इस कार्यवाही से असंतुष्ट समाज ने बैठक कर सीबीआई जांच की मांग रखने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर में ज्ञापन सौंपने तथा मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में 10 जून को महाआंदोलन करने का निर्णय लिया गया। तय रणनीति पर समाज ने आवेदन और निवेदन सरकार तथा प्रशासन से किया, लेकिन जब कहीं सुनवाई नहीं हुआ तो फिर 10 जून को करीब एक लाख की संख्या में समाज के लोग जुट कर बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में सभा किया और फिर शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे। इस दौरान रैली में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा घुसकर कलेक्टर और एसपी कार्यालय समेत कई गाड़ियों. को फूंक दिया गया।